एस्ट्रल स्ट्रीट नवग्रह नीर के फायदे
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चरक एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक थे जिन्होंने लगभग 2000 साल पहले "चरक संहिता " पुस्तक लिखी थी।इसमें अनेकानेक रोगों के लक्षण तथा उनकी चिकित्सा के बारे में विस्तृत वर्णन है | चरकसंहिता में भोजन, स्वच्छता, रोगों से बचने के उपाय, चिकित्सा-शिक्षा, वैद्य, और रोगी के विषय में बताया गया है
प्राचीन आयुर्वेदशास्त्री औषधिये स्नान की महत्ता को भली-भांति जानते थे। औषधि स्नान ज्योतिष में भी महत्वपूर्ण माना गया है । यदि कोई व्यक्ति किसी ग्रह पीड़ा से पीड़ित है, और वह औषधि स्नान करे तो ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर हो जाता है । हमारे प्रत्येक ग्रह का सम्बन्ध कुछ विशेष औषधियों से जुड़ा है और यदि हमारा कोई ग्रह जन्मकुंडली में दुर्बल हो और हमें अशुभ फल दे रहा हो तो हमें उस ग्रह से सम्बन्धित औषधियों के मिश्रण से स्नान करना चाहिए । इसी प्रकार प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनि भी ग्रहों की पीड़ा की शान्ति के लिए औषधि स्नान कराते थे। और हमारे ज्योतिष विज्ञान अनुसार विभिंनं प्राकृत जड़ी बूटियों का महत्तव् नवग्रह को शांत करने में बताया गया है | जैसे की तुलसी के संपर्क में आने वाला पानी हमें पवित्र करता है और यह पवित्र स्नान के बराबर है । गाय को हमारी संस्कृति में माता माना गया है जिससे गाय के शरीर से छूने वाला पानी हमें छूने पर पवित्र स्नान की तरह पवित्र करता है।नहाते समय पानी में चंदन,दूध और हल्दी जैसी शुभ चीजें डालने से पुण्य लाभ मिलता है, बुरे समय से मुक्ति मिल सकती है।भारतीय ज्योतिष में ऐसा भी माना जाता है कि चन्दन हमारे जीवन में सफलता, धन और प्रसिद्धि ला सकता है। नहाने के पानी में चंदन का पाउडर मिलाने से मन शांत होता है, तनाव कम होता है, और सकारात्मकता बढ़ती है। इसकी तासीर ठंडी होने से गर्मी से भी शरीर को आराम देता है |
भारतीय ज्योतिष के अनुसार हमारे नौ ग्रह माने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। आयुर्वेद व् ज्योतिष में इन्हीं नवग्रहों की शांति के लिए विभिन्न उपायों के साथ-साथ नवग्रह से जुड़े हुए औषध द्रव्यों से से बने जल से स्नान का महत्ब बताया गया है | अगर हमारे जीवन में समस्याएं बढ़ती जा रही है इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताएं गए हैं। नवग्रह की शांति के लिए पानी में इन चीजों को मिलाकर कर स्नान करने से नवग्रह दोष दूर कर सकते हैं | इन उपायों को करने से जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव कम होने लगते है। नवग्रह जल से स्नान कर ग्रहों को शांत किया जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार,
- सूर्य ग्रह के दुष्प्रभाव को कम के लिए पानी में केसर और गुलहठी मिलाकर स्नान करें।
- चंद्रमा के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए नहाने के पानी में सफेद चंदन, गुलाब जल डाल कर स्नान करें।
- मंगल के प्रभावों को कम करने के लिए नहाने के पानी में लाल चंदन, बेल की छाल मिलाकर स्नान करें।
- बुध के प्रभाव को कम करने के लिए पानी में जायफल, शहद डाल नहाने से लाभ होता है।
- बृहस्पति के दोष को कम करने के लिए नहाने के पानी में , हल्दी डाल कर नहाने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और आपकी त्वचा भी निखरती है, धन-दौलत में वद्धि होती है|
- शुक्र के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए पानी में गुलाब जल डालकर स्नान करना चाहिए।
- शनिवार को काला तिल, सौंफ और लोबान डाल कर नहाने से शनि दोष से शांति होती है |
- कस्तुरी और लोबान डालने से स्नान करने पर राहु का प्रभाव कम होने लगता है।
- केतु के दोष दूर करने के लिए नहाने के पानी में लाल चंदन मिलाएं।
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए एस्ट्रल स्ट्रीट कंपनी ने नवग्रहों की शांति के लिए " नवग्रह नीर " निर्मित किया है ताकि उनका दुष्प्रभाव को काम किया जा सके | एस्ट्रल स्ट्रीट का 'नवग्रह नीर' ,नौ ग्रहों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जड़ी बूटियों व औषध द्रव्यों के मिश्रण से बनाया गया है, इसमें डाले गए सभी औषध द्रव्य प्रत्येक ग्रह से सम्भंदित हैं | इस जल को पानी में डाल कर नहाने से वे सभी ग्रहों को शांत रखने में लाभकारी होगा |
नवग्रह नीर में प्रयुक्त समाग्री :-
मेथी -- मेथी का पानी सूजन को कम करता है , गठिया की समस्या में भी फायदेमंद है ,इसका पानी बालों को अंदर से पोषण देता है । इसमें लेसिथिन और प्रोटीन भी पाया जाता है, जिससे बाल मजबूत और मुलायम होते हैं। बाल झड़ने की समस्या भी दूर होती है मेथी का पानी त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इससे स्किन एलर्जी और कील मुंहासों की समस्या दूर होती है। इसमें एंटीएजिंग गुण होने से यह स्किन को मॉइश्चराइजिंग करता है।मेथी जल नहाने से हमारा मंगल मजबूत होता है। मंगल की शुभ स्थिति जातक को साहसी बनाती है।
सौंफ --सौंफ के पानी से नहाने से हमारा शुक्र और चंद्र मजबूत होता है। इससे बुद्धिप्रदाता बुध भी बलशाली होता है। इससे व्यक्ति अपने जीवन में कई कष्टों से बचकर रहता है। सौंफ त्वचा को ठंडा रखती है,जिससे गर्मी के दिनों में होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है | सौंफ का पानी चेहरे पर होने वाली झुर्रियों लालिमा , दाग-धब्बेऔर पिंपल्स जैसी समस्याओं को आसानी से दूर करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं ,जो स्किन को स्वस्थ रखते हैं |
हल्दी -- हल्दी के प्रयोग से हमारा गुरु मजबूत होता है और शुभ फल मिलता है। हल्दी के पानी से सेंक करने पर आर्थराइटिस में भी फायदा होता है।इससे कुंडली में गुरु दोष दूर होता है। नकारात्मकता दूर होती है।और धन के योग बनते हैं। नियमित हल्दी के पानी से स्नान करने से घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है।हल्दी को सुख-समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। पानी में हल्दी मिलाकर नहाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और दिमाग भी तरोताजा रहता है।पानी में हल्दी डालकर नहाने से त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार और सूजन होती है |
गुलाब --- रोजाना नहाने के पानी में गुलाब जल डालने से गुलाब सौंदर्य बढ़ाने के साथ-साथ व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है,स्किन पर निखार आता है। इससे चेहरे पर चमक बढ़ाता है। गुलाब आपके जीवन में शुक्र ग्रह को मजबूत करता है | शुक्र प्रेम और सौंदर्य का कारक माना जाता है। गुलाब जल पानी में डालकर उस पानी से स्नान करने से आपके जीवन में सौंदर्य के साथ प्यार भी बढ़ाता है|इस पानी से स्नान करने से शुक्र की ऊर्जा बढ़ती है।जीवन में सफलता मिलती है। इससे वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है |
चन्दन --- भारतीय ज्योतिष के अनुसार चंदन सुख , सफलता, धन और प्रसिद्धि ला सकता है। नहाने के पानी में चंदन मिलाने से मन शांत होता है, तनाव कम होता है और नकारात्मकता कम और सकारात्मकता बढ़ती है। इसकी ठंडी तासीर होने से ये गर्मी के मौसम में भी फायदेमंद है | चंदन चिकित्सीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है,जो इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा और समग्र उपचार पद्धतियों में एक उपयोगी घटक के रूप में सामने लाता है। चंदन के जीवाणुरोधी और शीतलता प्रदान करने वाले गुण त्वचा के कई विकारों को शांत करने, तनाव कम करने और त्वचा के आराम को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
तुलसी --- तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म का सबसे पवित्र पौधा माना जाता है,तुलसी के जल से स्नान करने से आत्म-विश्वास बढ़ता है। इससे स्नान करने से आध्यात्मिक शुद्धि भी होती है | हमारे ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, तुलसी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। बृहस्पति एक परोपकारी ग्रह है और इसका सकारात्मक प्रभाव ज्ञान ,खुशहाली और समृद्धि लाता है।इस पानी से स्नान करने से हमारा तन-मन शुद्ध रहता है | तुलसी की पत्तियां ,धार्मिक और औषधीय दृष्टि से पवित्र है व विभिन रोगों में भी लाभकारी है | बृहस्पति ग्रह से सम्भंदित होने से सकरात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। इसी वजह से कुछ ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए भी तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी चंद्रमा को भी मजबूत करती है। तुलसी के चंद्र जुड़े होने से दिमाग शांत व तनाव दूर होता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पानी से स्नान करने से ये हमारे (आभामंडल) हमारी सोच, भावना, व्यवहार, हमारे संस्कारों को शुद्ध करता है।
अनंतमूल ---अनंतमूल के चिकित्सीय उपयोग हैं: खुजली और कुष्ठ जैसे त्वचा रोगों को दूर करता है ये इसके पानी का सेक सूजन में भी लाभकारी है | इसकी जड़ के अर्क में 'एस्चेरिचिया कोलाई बैक्टीरिया'' के विरुद्ध जीवाणुरोधी तत्व होते हैं ,जिससे की ये संक्रमण का उपचार करने में लाभकारी है | हमारे ज्योतिष विज्ञान में भी इसका विशेष महत्ब बताया गया है मंगल देव को कुंडली में मजबूत करने के लिए अनंतमूल लाल चन्दन आदि डाल कर स्नान करना चाहिए। अनन्तमूल में रक्तधातु के प्रति आकर्षण गुण के से यह मुँहासे और सूजन को दूर कर सकता है
विधारा --- बुधदेव से संबंधित दोषो को दूर करने के लिए विधारा, जायफल आदि पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए। विधारा के पानी से नहाने से विभिन्न बुध दोष जैसे की अल्सर,अपच एवं रक्त संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं |
एलोवेरा ---एलोवेरा में जितने चिकित्सीय गुण हैं, उतने ही वास्तु शास्त्र में भी एलोवेरा का महत्ब बताया गया है इस में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होने से खुजली और स्किन प्रॉब्लम की समस्या से निजात पा सकते हैं। ये स्किन को हाइड्रेट करती है और त्वचा को संक्रमण से बचाती है। गर्मी के दिनों में एलोवेरा के पानी से न सिर्फ खुजली की समस्या दूर होगी, बल्की आप ताजगी का एहसास भी कर पाएंगे।
वास्तु के अनुसार एलोवेरा से व्यक्ति की तरक्की में आ रही मुश्किलें दूर होती हैऔर घर परिवार में सुख समृद्धि आती है | इसे पानी में डाल कर नहाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलने लगते हैं।
जायफल --- ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह शुभ फल पाने के लिए जायफल मिलाकर स्नान करना चाहिए। जायफल के उपयोग से आप कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत कर सकते हैं |
लोबान --- ज्योतिष के अनुसार, लोबान का प्रयोग केतु के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए पानी में मिलाकर स्नान करें। इससे राहु दोष दूर होते हैं और उसके शुभ लाभ होते हैं |
जटामांसी --- यह मुख्य रूप से हिमालय में पाई जाने वाली औषधि है । इसमें तनाव और थकान को कम करने का गुण होता है | जटामासी को पानी में डाल कर नहाने से मंगल के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं |
फिटकरी ---फिटकरी वाले पानी से नहाने से त्वचा में कसाव स्किन टोन होती है। इससे फाइन लाइन कम होती हैं और स्किन चिकनी व् चमकदार बनती है। फिटकरी के पानी से नहाने से सूजन कम होती है फिटकरी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं आपके शरीर को कई दोषों से मुक्ति मिलती है और आपके आस-पास सकारात्मक वातावरण बनता है |
नागरमोथा---नागरमोथा पानी में डालकर नहाने से त्वचा को फायदा होता है। रंग साफ दाग -धब्बे हटाने और चमक बढ़ाने के लिए नागरमोथा पानी में डाल कर नहाना फायदेमंद होता है। शरीर में सूजन कम करने और मांसपेशियों को शांति देता है, यदि आपका राहु खराब चल रहा हो तो लोबान, नागरमोथा जल द्वारा स्नान करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है |
नीम -- ज्योतिष शास्त्र और आयुर्वेद के अनुसार इसका बड़ा महत्ब है नीम पके पानी नहाने से शनि और केतु ग्रह शांत हो जाते हैं। केतु ग्रह से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए नीम को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। इस उपाय से शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है | इसके पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत होते हैं, बालों का गिरना या झड़ना रुक जाता है। त्वचा रोगों खुजली ,मुंहासों व चर्म रोगों में लाभकारी है |
ऊद व चंदन खास परफ्यूम ---जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए ज्योतिष उपायों काफी महत्व रहा है । इत्र यानी परफ्यूम का उपयोग खुशबू के लिए किया जाता है, लेकिन इत्र विभिन्न ज्योतिषीय उपायों में लाभकारी है। धार्मिक अनुष्ठानों में भी देवी-देवता को खुश करता है। मां लक्ष्मी और भगवान हनुमान को भी इत्र बेहद प्रिय है।
एस्ट्रल स्ट्रीट नवग्रह नीर के फायदे :-
1 . नवग्रह नीर हमारे नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, मंगल , बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु को शांत कर उनके शुभ प्रभाव देने में लाभकारी होगा |
2 . ग्रहों के अनुसार उस ग्रह से सम्बन्धित औषधियों से नहाने से हमारा भाग्य उदय होगा और उनके दुष्प्रभाव कम होते हैं |
3 . एस्ट्रल स्ट्रीट के नवग्रह नीर में गुलाब ,एलोवेरा ,नीम , चन्दन,हल्दी इत्यादि डाली गयी हैं, इस जल से रोजाना नहाने से सभी जड़ी - बूटियाँ हमारी त्वचा के रोगों को दूर करने के साथ-साथ ग्रहों को प्रसन्न करने लाभकारी सिद्ध होगा |
4 . ये मानसिक तनाव को कम कर मन को प्रसन्न करेगा और सकारत्मक विचार शक्ति बढ़ती है, आयु बढ़ती है |
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